भारत की संवैधानिक व्यवस्था-विषय सूचि
भारत की संवैधानिक व्यवस्था
भारतीय राजव्यवस्था काफी लोकप्रिय टॉपिक है। यहां लोकप्रियता का आशय केवल सिविल सेवा परीक्षा के संदर्भ में ही नहीं है वरन् देश की सारी प्रतियोगिता परीक्षाओं के संदर्भ है। देश की प्रायः या यूं कहें कि सभी प्रतियोगिता परीक्षाओं में इस खंड से बड़ी संख्या में प्रश्न पूछे जाते हैं। इस खंड की उपेक्षा का मतलब है सफलता की अपेक्षा नहीं करना। अतएव इस खंड का गहन अध्ययन अनिवार्य हो जाता है, खासकर सिविल सेवा परीक्षा के अभ्यर्थियों के लिए। वैसे यह विषय तो काफी व्यावहारिक है और इसकी बहुत सारी जानकारियां समाचारपत्रों के माध्यम से भी प्राप्त की जा सकती हैं परंतु किसी भी विषय के व्यावहारिक पक्ष को जानने से पहले जरूरत होती है उस विषय की मूल अवधारणा, पहलुओं व प्रावधानों से परिचित होना। यहीं पर इस खंड के लिए मानक अध्ययन सामग्री की जरूरत पड़ती है। वैसे इस विषय पर बाजार में अध्ययन सामग्री की कमी नहीं है परंतु कुछ की भाषा दुरूह है तो कुछ सामग्री पूर्णतः सैद्धांतिक होकर रह गयी हैं, वहीं कुछ अध्ययन सामग्रियां तो मानकता के पैरामीटर पर खड़ी नहीं उतरती। इन्हीं तथ्यों के आलोक में प्रस्तुत अध्ययन सामग्री 'भारत का संवैधानिक विकासक्रम' तैयार की गई है। इसमें एक ओर जहां संविधान के प्रावधानों को सरल भाषा में प्रस्तुत की गई हैं तो दूसरी ओर उसके क्रियान्वयन व व्यावहारिकता जैसे पहलु का भी समावेशन किया गया है। संसद की प्रक्रियाओं पर विशेष फोकस किया गया है। आशा है यह विशेष सामग्री आपको जरूर पसंद आएगी।
विषय सूचि
भारत में सवैधानिक विकास
भारतीय संविधान की मांग
संविधान निर्माण की प्रक्रिया
संविधान की प्रमुख विशेषताएं
भारतीय संविधान की प्रकृति
भारतीय संविधान के आधारभूत तथ्य
संघ और राज्य क्षेत्र
नागरिकता
मूल अधिकार
राज्य के निति निदेशक तत्व
मूल कर्तव्य =भाग -४ (अनु० - ५१ अ )
संसद
राजयसभा
लोकसभा
भारत के राष्ट्रपति
संविधान संसोधन
आपात उपबंध
केंद्र-राज्य सम्बन्ध
राज्य और उसकी विधायिका
भारत में न्यायपालिका
निर्वाचन आयोग
भारत में सूचना का अधिकार
आयोग/कानून/विनिमायक/संगठन
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